विश्व शाकाहारी दिवस : हर साल अक्टूबर महीने में विश्व शाकाहारी दिवस मानाया जाता हैं,शाकाहारी खाने को सात्विक भोजन माना जाता है भारत में ज्यादातर लोगों को शाकाहारी भोजन पसंद हैं, शाकाहारी भोजन पचने में आसन होता हैं और शाकाहारी भोजन से ज्यादा स्वस्थ रहा जाता हैं, इसलिए इस दिन को विश्व स्तर पर मनाया जाता हैं ताकि लोगों में जागरूकता फैलाई जा सकीं और लोगों को शाकाहारी भोजन की तरफ प्रेरित किया जा रहा हैं |
विश्व शाकाहारी दिवस सबसे पहले 1977 में नॉर्थ अमेरिकन वेजीटेरियन सोसायटी द्वारा मनाया गया था| अच्छे स्वास्थ्य और सोच के लिए शाकाहारी खाना एक प्रमुख भोजन हैं लोग इसे अपना रहे हैं ,इस सोच को लेकर सबसे पहले इस मुख्य दिवस का आयोजन किया गया था |
जिसके एक साल बाद यानी 1978 में विश्व शाकाहारी यूनियन ने इस दिवस को नियमित रूप से मनाने का निर्णय लिया था. तब से हर वर्ष सिर्फ विश्व शाकाहारी दिवस पर ही नहीं बल्कि पूरे अक्टूबर माहिने में शाकाहार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते है. इस अवसर पर कई सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाएं विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम, प्रतियोगिताओं, संगोष्ठियों तथा अभियानों का आयोजन करती हैं.
शाकाहारी भोजन को बढ़ावा देने के अलावा मांसाहार के चलते भोजन के लिए जीव हत्या को कम करना भी इस विशेष दिवस के मुख्य उद्देश्यों में से एक है.ETV भारत के अनुसार इसके अलावा अक्टूबर महीने को विश्व शाकाहारी माह के रूप में भी मनाया जाता है, जिसके चलते महीने भर तक समारोह तथा गतिविधियों का आयोजन किया जाता है.
विश्व शाकाहारी दिवस 2024 थीम
विश्व शाकाहारी दिवस 2024 के लिए अभियान एक रोमांचक नई थीम,’मिक्स आईटी अप‘ के साथ शुरू हो रहा है. इस वर्ष की थीम सभी को अपने पसंदीदा व्यंजनों में पौधे-आधारित विकल्पों के साथ प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती है. चाहे वह मांस की जगह टोफू का उपयोग करना हो, नया वेजी बर्गर आजमाना हो या अपने भोजन में अधिक साग शामिल करना हो,
इसका उद्देश्य रसोई में रचनात्मकता को प्रेरित करना और यह दिखाना है कि शाकाहारी विकल्प कितने आसान और स्वादिष्ट हो सकते हैं. थीम पौधे-आधारित खाद्य पदार्थों की बहुमुखी प्रतिभा पर प्रकाश डालती है, जिससे सभी उम्र के लोगों के लिए एक स्वस्थ और अधिक टिकाऊ आहार अपनाना एक मजेदार चुनौती बन जाती है.