विश्व हृदय दिवस 2024: 29 सितंबर को हर साल  हार्ट दिवस मनाया जाता हैं, क्यों जागरूक करना हैं जरूरी हार्ट अटैक के बारें में |

विश्व हृदय दिवस 2024: हर साल हृदय दिवस 29 सितंबर को मनाया जाता हैं, इस दिन को मनाना जरूरी हैं जिस से लोगों में हार्ट अटैक से संबन्धित समस्या का पता समय पर लग सके और रोगी को बचाया जा सके, आज दुनियाभर ह्रदय की बीमारी तेजी से बढ़ती जा रहीं हैं, पहले अधिक उम्र के लोगों में यह समस्या आती थी परन्तु आज के हमारे लाइफ स्टाइल के कारण ये बीमारी युवा लोगों में ज्यादा हो रही हैं, हार्ट अटैक के लक्षण न पता होने के कारण बहुत से लोग अपनी जान गवां देते हैं,लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन को मनाया जाता हैं |  

विश्व हृदय दिवस 2024: हार्ट अटैक हर साल लगातार मरने वाले लोगों संख्यां हर साल बढती जा रही हैं,अब ये बचों में भी हो रहे हैं,बदलते हुए लाइफ स्टाइल और फ़ास्ट फूड के कारण कम उम्र के लोगों से लेकर बड़ों सब में ये बीमारी हो रही हैं,अमर उजाला के अनुसार कोरोना महामारी के बाद इसका खतरा और भी बढ़ गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं सभी लोगों को अपनी हार्ट हेल्थ को लेकर गंभीरता से ध्यान देते रहने की आवश्यकता है। अन जिम में भी देखा जा रहा हैं जिम करते करते भी लोग हार्ट अटैक के शिकार हो रहे हैं |

विश्व हृदय दिवस 2024: लोगों को सीपीआर के बारें में सिखया जा रहा हैं और इसके रोकथाम को लेकर लोगों में जानकारी देना जरूरी हैं क्योंकिं जब दिल के दौरा आता हैं उस समय बहुत से लोगों की जान बचाई भी गई हैं,यदि समय पर सीपीआर और आपातकालीन चिकित्सा उपलब्ध करा दी जाए ,हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट जैसे मामलों में हर एक मिनट की कीमत होती है, ‘गोल्डन टाइम’ पर अगर स्थिति समझ में आ जाए तो इससे जानलेवा जोखिमों को कम किया जा सकता है।  

विश्व हृदय दिवस 2024:हार्ट अटैक की स्थिति में ‘गोल्डन टाइम’ बहुत महत्वपूर्ण है। ये दिल का दौरा पड़ने के बाद के पहले 60 मिनट होते हैं, जिसमें तत्काल चिकित्सा सहायता प्राप्त करना सबसे महत्वपूर्ण होता है। हार्ट अटैक-कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में लक्षणों की समय पर पहचान कर सीपीआर देने से जान बचने की संभावना 60-70 फीसदी तक बढ़ जाती है।

विश्व हृदय दिवस 2024:स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, दिल का दौरे पड़ने के कई कारण हो सकते हैं। जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को हृदय रोगों की दिक्कत रही हो, कोलेस्ट्रॉल-ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है उन्हें अपने जोखिमों को लेकर और भी सतर्क रहने की जरूरत होती है। हाई ब्लड प्रेशर को हार्ट अटैक का प्रमुख जोखिम कारक माना जाता है। हार्ट अटैक की स्थिति में कुछ संकेतों पर ध्यान देना सबसे जरूरी हो जाता है।

अगर किसी को सांस फूलने, छाती में तेज दर्द या भारीपन, अत्यधिक थकान लगने, बहुत पसीना आने या चक्कर आने की समस्या हो रही है तो इसे हार्ट अटैक का संकेत माना जा सकता है। कभी-कभी, ऐसी घटनाएं बिना किसी चेतावनी के भी हो सकती हैं। 

गोल्डन ऑवरमें सीपीआर और आपातकालीन चिकित्सा जरूरी

डॉक्टर कहते हैं, गोल्डन ऑवर के दौरान सीपीआर देना सबसे कारगर तरीका है जिससे लोगों की जान बचाई जा सकती है। कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) एक जीवनरक्षक तकनीक है जो हार्ट अटैक जैसी आपात स्थितियों में जीवनरक्षक साबित हो सकती है। हार्ट अटैक की स्थिति में छाती को सही गति से दबाने की यह प्रक्रिया रक्त के संचार को ठीक रखने में मददगार हो सकती है। 

शरीर के संकेतों पर गंभीरता से दें ध्यान

डॉक्टर कहते हैं हार्ट अटैक जैसी जानलेवा स्थितियों से बचे रहने के लिए जरूरी है कि आप हार्ट अटैक के संकेतों पर गंभीरता से ध्यान देते रहें। चक्कर आना, सिर घूमना, बेहोशी जैसी दिक्कत लग रही है तो ये भी हृदय संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकता है। अगर आपको ये लक्षण महसूस होते हैं, तो लेट जाएं और आराम करें। हार्ट अटैक की स्थिति में तुरंत एस्प्रिन की टेबलेट लेने से ब्लड क्लॉटिंग की समस्या को कम कर सकते हैं।

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